Matlabi Paise Ki Duniya Hai Shayari Greed and Reality

The world today has become more about money than emotions. People value wealth over honesty and trust, and poets express this truth through matlabi paise ki duniya hai shayari. This poetry shows how fake relationships rise when money becomes more important than feelings.
Matlabi Log Shayari: Real Emotions of Broken Trust also reflects the same pain, where words speak the language of betrayal and selfishness. Shayari gives voice to those who cannot say these emotions aloud.
Meaning of Matlabi Paise Ki Duniya Hai Shayari
This form of poetry tells us how the world is filled with selfish desires. It shows how love, respect, and trust often vanish when money takes the center stage. Writers use it to reveal the truth of human behavior.
मतलबी पैसों की दुनिया है यहाँ,
जहाँ रिश्ते भी सौदे से मिलते हैं।
पैसा ही भगवान बन गया है,
दिल की कीमत अब कोई नहीं देता।
सच्ची मोहब्बत अब सस्ती लगती है,
मतलबी चेहरों की कीमत ऊँची है।
रिश्ते आज पैसों पर टिके हैं,
सच्चाई हर जगह हारी है।
हर मुस्कान अब सौदेबाज़ी है,
मतलब निकलते ही चेहरे बदलते हैं।
यहाँ मोहब्बत भी बिक जाती है,
सच्चे दिल कहीं खो जाते हैं।
पैसों का खेल सब पर भारी है,
दिल की चाहत यहाँ हारी है।
मतलबी दुनिया का आलम देखो,
सच बोलने वाला अकेला रहता है।
जहाँ दौलत बोलती है,
वहाँ इंसानियत चुप हो जाती है।
सच्चाई अब बाजार में नहीं बिकती,
झूठ ही सबकी पहचान बन गया।
यहाँ लोग चेहरे से मुस्कुराते हैं,
दिल से सिर्फ धोखा देते हैं।
पैसों का मोह हर दिल में बसता है,
इंसानियत कहीं खो जाती है।
मतलबी रिश्तों का यह मेला है,
जहाँ सच्चे लोग अकेले मिलते हैं।
दिल की आवाज़ दब जाती है,
जब जेब में सिक्के खनकते हैं।
यह है मतलबी पैसों की दुनिया,
जहाँ सबकुछ बिकता है, सिवा इंसानियत के।
The Reality of Money and Relationships

Relationships today often bend under the pressure of wealth. Money changes emotions, weakens bonds, and creates distances. This truth is reflected deeply in matlabi paise ki duniya hai shayari, where poetry becomes a witness to broken trust and selfish ties.
रिश्तों का रंग अब फीका पड़ गया,
जबसे पैसों का चेहरा गाढ़ा चढ़ गया।
ममता की गोद भी अब सौदे में बिक गई,
दुनिया की दौलत ने मोहब्बत छीन ली।
दोस्ती अब जेब की गहराई से तौली जाती है,
सच्चाई अब बाजार में खोली जाती है।
पैसे की छाया में रिश्ते कमजोर हो गए,
दिल के तार अब टूट कर बिखर गए।
हर खुशी अब रुपयों की मोहताज हो गई,
सच्चे जज़्बात भी अब राज़ हो गई।
इंसान की पहचान अब दौलत से होती है,
गरीबी में तो मोहब्बत भी तन्हा रोती है।
जिसे समझा था अपना वो गैर हो गया,
पैसों के लालच में रिश्ता बेरहम हो गया।
दिल का रिश्ता अब कागजों में लिखा है,
जहाँ नोट न हो वहाँ कोई नहीं दिखा है।
दुनिया अब मोहब्बत का मूल्य पूछती है,
दिल के जख्मों को भी बोली में बेचती है।
जो दोस्त कभी बिना वजह मुस्कुराते थे,
आज वही पैसों की वजह से दूर जाते थे।
खून के रिश्ते भी अब व्यापार लगते हैं,
स्नेह और अपनापन अब बेकार लगते हैं।
मोहब्बत के नाम पर लोग सौदे करने लगे,
दिल की सच्चाई को कागज पर गिनने लगे।
रिश्तों का नक्शा अब नोटों से बदल गया,
दिल का हर कोना अब खाली सा लग गया।
पैसों की चमक में सब आंखें चौंधिया गईं,
सच्चे जज़्बात भी अब धूल में मिल गईं।
दुनिया का हर रिश्ता अब सौदे से जुड़ गया,
प्यार का भी बंधन अब बाजार में बिक गया।
Why People Love Matlabi Paise Ki Duniya Hai Shayari
People love this kind of poetry because it mirrors their personal pain. Almost everyone has faced fake friendships or selfish bonds. The verses give comfort by saying aloud what people feel silently.
जिसे दोस्त समझा वो सौदागर निकला,
मतलब के लिए पास आया और चला गया।
प्यार भी अब पैसों पर बिकता है,
सच्चा दिल यहाँ कोई नहीं चाहता।
हर रिश्ता मतलब से जुड़ा हुआ है,
दिल की कदर यहाँ कौन करता है।
आजकल इंसानियत नहीं मिलती,
सिर्फ जेब का वजन देखा जाता है।
पैसा ही अब रिश्ता बनाता है,
सच्चा प्यार तो खो जाता है।
मासूमियत अब पैसों में घुट जाती है,
झूठी हंसी सबको भाती है।
मतलबी दुनिया का यही दस्तूर है,
जिसके पास पैसा है वही मशहूर है।
दोस्ती का नाम अब सौदा है,
दिल की बात अब धोखा है।
सच कहो तो कोई सुनता नहीं,
झूठ बोलो तो ताली बजती है।
मतलबी चेहरों से भरी यह दुनिया,
सच्चे लोग कहीं गुम हो जाते हैं।
दिल की मोहब्बत बिक चुकी है,
झूठे वादे आज महंगे हो गए हैं।
रिश्ते अब बोझ लगते हैं,
पैसा ही सबसे बड़ा साथी है।
हर दिल में अब ख्वाब नहीं,
बस पैसों की गिनती है।
मोहब्बत अब गुमराह करती है,
पैसा सही राह दिखाता है।
यहाँ हर कोई मतलब का है,
सच्चा इंसान बहुत कम है।
Role of Social Media in Popularity
Social media has made matlabi paise ki duniya hai shayari reach millions. It has become a part of captions, status updates, and posts. The easy style makes it popular among youth.
व्हाट्सएप स्टेटस पर लिखते हैं लोग,
दिल का दर्द छुपाकर मुस्कान बेचते हैं।
फेसबुक की दोस्ती भी सौदेबाज़ी है,
दिल का रिश्ता अब ऑनलाइन हो गया।
इंस्टाग्राम कैप्शन बन गई मोहब्बत,
जहाँ लाइक ही प्यार की पहचान है।
मतलबी दुनिया में पोस्ट ही काफी है,
दिल की बातें अब किसी को नहीं सुननी।
स्टेटस से मोहब्बत जताते हैं लोग,
असल में तो बस खेल खेलते हैं।
फोटो पर दिल से ज्यादा फ़िल्टर है,
रिश्तों पर बस मतलब की छाया है।
लाइक और कमेंट ही सबकुछ है,
दिल की गहराई कोई नहीं समझता।
इंसान अब स्क्रीन पर मुस्कुराता है,
असल में दिल से रोता है।
ऑनलाइन चैट में प्यार मिलता है,
असल में कोई साथ नहीं देता।
रिश्तों का रंग अब डिजिटल है,
दिल की कदर सिर्फ फेक है।
जहाँ लाइक नहीं वहाँ प्यार नहीं,
यह है सोशल मीडिया की हकीकत।
दिल की बातें अब इमोजी में होती हैं,
सच्ची मोहब्बत कहीं खो गई।
सोशल मीडिया का यह खेल,
जहाँ झूठ को भी सच मान लिया जाता है।
मतलबी दुनिया का यह असर है,
जहाँ दिल नहीं बस दिखावा चलता है।
हर पोस्ट में दर्द लिखा होता है,
पर असलियत कोई नहीं देखता।
Matlabi Paise Ki Duniya Hai Shayari and Betrayal

Betrayal is the strongest theme in this style. When money comes before emotions, hearts break. This is why poets link betrayal directly with these shayaris.
Dard Bhari Bewafa Shayari Poetry of Love, Pain, and Betrayal connects with this because it shares the same pain of broken trust.
जिसे अपना समझा वही बेवफा निकला,
मतलब के लिए ही पास आया।
दिल को बेचकर दौलत खरीदी,
और प्यार का नाम मिटा दिया।
बेवफाई का यह दौर अजीब है,
जहाँ हर रिश्ता पैसों पर टिकता है।
जिस पर भरोसा था वही धोखा दे गया,
मतलब पूरा हुआ तो रिश्ता तोड़ गया।
दिल की गहराई को ठुकरा दिया,
जेब की गहराई देखी गई।
पैसों के लिए सब बदल जाते हैं,
दिल से निभाने वाले हार जाते हैं।
झूठ का चेहरा सच्चाई से प्यारा लगता है,
मतलबी दुनिया का यही खेल है।
दिल की मोहब्बत बेकार हो गई,
पैसा ही असली सहारा हो गया।
जहाँ चाहत भी झूठी हो जाती है,
वहाँ भरोसा टूट ही जाता है।
हर रिश्ता सौदे में बदला जाता है,
दिल का खून कोई नहीं देखता।
पैसों का मोह इतना गहरा है,
कि मोहब्बत अब धोखा लगती है।
बेवफाई का रंग अब गहरा है,
हर सच्चा इंसान अकेला है।
जिसे प्यार कहा वही सौदा निकला,
दिल का दर्द अब सस्ता हो गया।
मतलबी चेहरों से मिला धोखा,
दिल की सच्चाई बेकार हो गई।
यहाँ हर कोई मतलबी है,
दिल से निभाने वाला कोई नहीं।
Conclusion
Matlabi paise ki duniya hai shayari is not just poetry but a reality expressed through words. It speaks about greed, selfishness, and betrayal. Every verse becomes a mirror of today’s society.
This form of shayari will continue to grow because it gives voice to pain, loss, and broken trust. It reminds us that though money rules, the heart still searches for honesty.