Matlabi Duniya Shayari in Hindi Poetry of a Selfish World

Matlabi Duniya Shayari in Hindi

The reality of this world is often filled with selfish motives and temporary bonds. When people only care for their needs and forget the meaning of loyalty, poets call it the matlabi duniya. These emotions are expressed beautifully through matlabi duniya shayari in hindi, which has become a reflection of today’s society.

Shayari is not just a play of words, it is a mirror of human behavior. While some verses celebrate love and purity like Devar Bhabhi Shayari The Most Beautiful Bond, others highlight the pain of betrayal and false relations. In this article, we will explore the essence of matlabi duniya through Hindi poetry and see how words capture the truth of life.

Dard Bhari Matlabi Duniya Shayari

Dard Bhari Matlabi Duniya Shayari

This poetry shows the pain that comes when loved ones change, beautifully expressed in matlabi duniya shayari in hindi.

हर चेहरे में अब डर लगता है,
ये धोखेबाज़ दुनिया अंदर तक जलाता है।

जरूरतें खत्म हों तो लोग बदल जाते हैं,
अपने भी एक दिन गैर नज़र आते हैं।

वफ़ा की बातें अब किताबों में मिलती हैं,
हकीकत में तो सिर्फ़ धोखे की सिलवटें दिखती हैं।

मोहब्बत के नाम पर झूठा बहाना मिला,
भरोसे के बदले हर बार धोखा मिला।

चेहरों के पीछे नकाब छुपे रहते हैं,
मुस्कान में भी ज़हर मिलते रहते हैं।

दोस्ती अब बोझ सी लगती है,
हर यारी भी झूठी दिखती है।

अपना कहे जाने वाले दूर चले जाते हैं,
ज़रूरत खत्म होते ही नज़रें फेर जाते हैं।

मोहब्बत अब सौदे जैसी लगती है,
रिश्ता भी अब मतलब से जुड़ती है।

दर्द दिल का किसी को नहीं समझ आता,
हर कोई अपना फायदा ही ढूंढता।

झूठी कसमों से दिल भर गया है,
सच्चे रिश्तों का नाम खो गया है।

चेहरे सब अपने जैसे लगते हैं,
मगर इरादे नकली निकलते हैं।

वफ़ा अब किसे याद है यहाँ,
सबका मकसद ही सबसे बड़ा है जहाँ।

रिश्तों की डोर अब कमजोर हो गई है,
सच्चाई की कीमत कहीं खो गई है।

मुस्कान के पीछे भी खंजर छिपे हैं,
इस दुनिया में सब रिश्ते ग़लत निकले हैं।

मतलबी दुनिया दिल को तोड़ देती है,
हर दिन अंदर तक जला देती है।

    Rishton ki Haqiqat Shayari

    These couplets reveal the truth of relationships and the reality of changing faces.

    रिश्ते अब मजबूरी के सौदे बन गए हैं,
    लोग सिर्फ़ काम के लिए जुड़ते हैं।

    सच्चाई का मोल कोई नहीं जानता,
    हर कोई सिर्फ़ फायदा पहचानता।

    वफ़ा अब खोखला शब्द बन गया है,
    मतलब ही हर रिश्ता बन गया है।

    मोहब्बत भी अब मकसद से बंधती है,
    दोस्ती भी अब नफे-नुकसान से चलती है।

    भरोसे की डोर हर दिन टूट जाती है,
    उम्मीदें आँसुओं में बदल जाती हैं।

    अपना कहने वाले भी बेगाने लगते हैं,
    वक़्त बदलते ही सब गैर लगते हैं।

    झूठे वादों ने सब कुछ तोड़ डाला,
    सच्चाई का कोई नाम न रहा।

    रिश्ते अब सिर्फ़ नाम के रह गए हैं,
    दिल से निभाने वाले सब खो गए हैं।

    हर कोई मतलब का सौदा करता है,
    इंसान अब रिश्तों को तराजू पर रखता है।

    अपनों की आँखों में भी स्वार्थ झलकता है,
    सच्चा प्यार अब कहीं नहीं मिलता है।

    रिश्ते अब मजबूरी के पुल बनते हैं,
    और ज़रा सी हवा से टूट जाते हैं।

    भरोसा करना अब भूल हो गई है,
    हर यारी अब फरेब हो गई है।

    सच कहो तो सब रूठ जाते हैं,
    झूठ बोलो तो सब साथ आते हैं।

    प्यार अब सौदे की तरह बिकता है,
    भरोसा अब सस्ते में टूटता है।

    इस दुनिया में रिश्तों की कीमत नहीं,
    हर कोई सिर्फ़ अपना फायदा देखता यहीं।

      Dost aur Dhokha Shayari

      Dost aur Dhokha Shayari

      Selfishness has now entered friendship too, and this matlabi duniya shayari in hindi expresses that very pain.

      दोस्त अब जरूरत के लिए पास आते हैं,
      काम खत्म होते ही रास्ते बदल जाते हैं।

      भरोसे का कत्ल यारों ने किया,
      दिल को धोखे से चूर कर दिया।

      यारी अब नफे-नुकसान पर टिकती है,
      सच्ची दोस्ती अब मिलती नहीं।

      हंसी के पीछे भी मकसद छुपा होता है,
      हर रिश्ता बस छलावा होता है।

      बुरे वक़्त में सब छोड़कर जाते हैं,
      चेहरे बदलकर दूर भाग जाते हैं।

      मोहब्बत की तरह दोस्ती भी नकली है,
      भरोसा करना सबसे बड़ी गलती है।

      यार भी अब पराये लगते हैं,
      मतलब के रिश्ते हर जगह मिलते हैं।

      दोस्ती अब मजबूरी का नाम है,
      भरोसा करना अब बस ग़म है।

      साथ देने वाले भी गायब हो जाते हैं,
      ज़रूरत खत्म होते ही दूर चले जाते हैं।

      दोस्ती का नाम अब खेल हो गया है,
      यारी अब सिर्फ़ झूठा मेल हो गया है।

      हर कोई फायदा ढूंढने आता है,
      काम निकलते ही दूर चला जाता है।

      भरोसे की कीमत अब कोई नहीं रखता,
      दोस्ती का नाम भी कोई नहीं बचता।

      सच्ची यारी अब ख्वाब जैसी है,
      बाकी सब मतलब की कहानी है।

      अपनों से ही सबसे बड़ा धोखा मिला,
      दोस्त भी झूठा निकला।

      यारी का नाम अब मज़ाक बन गया है,
      धोखे से हर रिश्ता ढह गया है।

        Wafa aur Matlab ki Shayari

        Wafa aur Matlab ki Shayari

        Here, the battle between loyalty and selfishness is clearly visible in matlabi duniya shayari in hindi.

        वफ़ा अब किसी को याद नहीं रही,
        मतलब ही हर इंसान की चाहत सही।

        लालच ने इंसानियत को मार दिया,
        भरोसे की डोर को काट दिया।

        मोहब्बत अब सौदे जैसी लगती है,
        दोस्ती भी अब नकली लगती है।

        चेहरे सब नकाब में छुपते हैं,
        वफ़ा के किस्से किताबों में मिलते हैं।

        धोखा अब रोज़ का खेल है,
        हर रिश्ता अब बस मेल है।

        भरोसा अब बोझ लगने लगा है,
        हर इंसान मतलबी दिखने लगा है।

        अपनों का सहारा भी नकली है,
        हर प्यार अब धोखे से भरी है।

        झूठ हर रोज़ सच से जीतता है,
        हर रिश्ता बस मतलब से जीता है।

        वफ़ा की उम्मीद अब कोई नहीं करता,
        सब अपने ही धोखा देते हैं।

        मोहब्बत अब नकली साज़िश बन गई है,
        दुनिया मतलबी आदत बन गई है।

        रिश्ता हर बार मतलब से बनता है,
        वफ़ा अब सिर्फ़ नाम को बचता है।

        भरोसा अब मिट्टी में मिल गया है,
        सच अब अंधेरे में छिप गया है।

        अपनों से ही सबसे गहरा वार मिला,
        झूठ ने हर बार दिल को छल लिया।

        लालच हर जगह हावी हो गया है,
        वफ़ा का नाम अब खो गया है।

        इस मतलबी दुनिया का यही हाल है,
        वफ़ा यहाँ बस एक सवाल है।

          Bharosa aur Tanhaai Shayari

          Bharosa aur Tanhaai Shayari

          After betrayal, only loneliness remains – and this matlabi duniya shayari in hindi expresses that pain.

          भीड़ में भी अकेलापन महसूस होता है,
          धोखे का ज़हर हर रोज़ जलाता है।

          अपनों का सहारा अब ढूँढे नहीं मिलता,
          भरोसा हर रोज़ टूटकर गिरता।

          तन्हाई अब सुकून सी लगती है,
          मतलबी दुनिया से बेहतर लगती है।

          उम्मीदें हर रोज़ टूट जाती हैं,
          यादें आँसुओं में डूब जाती हैं।

          अपनों के धोखे ने जीना मुश्किल किया,
          हर रोज़ दिल को घायल किया।

          भरोसे का सहारा अब खत्म हो गया,
          रिश्ता हर बार झूठा हो गया।

          चेहरे सब डरावने लगते हैं,
          अपने भी अब बेगाने लगते हैं।

          मोहब्बत अब मज़ाक सी लगती है,
          दोस्ती भी नकली सी लगती है।

          तन्हाई दिल का साथी बन गई है,
          मतलबी दुनिया की सच्चाई बन गई है।

          धोखे के ज़ख्म गहरे होते जाते हैं,
          अपनों के चेहरे अजनबी लगते जाते हैं।

          भरोसे का कत्ल हर दिन होता है,
          हर रिश्ता बस मतलब से जुड़ता है।

          दिल की सच्चाई अब छिप जाती है,
          झूठ हर दिन जीत जाती है।

          उम्मीदें अब राख सी हो गई हैं,
          मोहब्बत भी अब झूठी हो गई हैं।

          अपनों की याद भी दर्द देती है,
          मतलबी दुनिया हर बार रुलाती है।

          ये तन्हाई ही अब सहारा है,
          बाकी सब रिश्ता बस दुश्वारा है।

            Conclusion

            Matlabi duniya shayari in hindi is not just poetry, it is a mirror of society. These two-line verses reveal how people change with time, how relationships break when needs are over, and how trust fades in a selfish world. The collection of shayari expresses the pain of betrayal, false promises, and loneliness, but at the same time, it also teaches awareness.

            While selfishness may dominate many relationships, poetry gives us the strength to face reality. Through words, the pain becomes lighter and the truth becomes clearer. Just as Rishte Bharosa Shayari Poetry of Trust and Bonds reminds us of loyalty and hope, these verses remind us to value honesty and genuine love in a world full of selfish motives.

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